आज आपके सामने पेश है साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की अभ्युदय हिन्दी मासिक पत्रिका में 2021 में प्रकाशित काव्य रचना एक मैं एक तुम, मिल के हम हो गये।।
दबी प्रीत उर में
कुछ जल मिला
कुछ खाद
अंकुरित हो गई
हुआ प्रीत का सिंचन
इशारों में बात हुई
खामोश दिल की तरंग
अधरों से पार हुईं
समर्पण कर दिया हमने
रगो में समाये तुम
यादो को भाये तुम
और परिणाम !
एक मैं, एक तुम, मिलके हम हो गये
मुझसे मिल के दिलो जां सनम हो गये।
एक मैं एक तुम मिल के हम हो गये।
रचनाकार :-
देवाराम भॉमू +919571524500
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान
कविता आपको कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताना
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