आज आपके सामने पेश है साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की अभ्युदय हिन्दी मासिक पत्रिका में जुलाई 2021 में प्रकाशित काव्य रचना
जंगल
जीवन तो फूलों का है
जंगल के भौरों का है
शहर के खण्डहरों में तो
चमगादड़ ही बसते हैं।
है ज्ञान का भण्डार यहाँ
रहते हैं जंगल में मंगल
नित होता यज्ञ दान यहाँ
ऋषि मुनि यहाँ बसते हैं |
डाली पर कोयल बोले
यहाँ तितलियाँ है मस्ती मे
बना छतरी मोर नाचे
तैरते हैं हंस ज्यों कश्ती में।
भौरों की भरमार है
जंगल जीवन का सार है।
है प्राणवायु का दाता
प्राणवायु ही संसार है ।
जीव चींटी से बंदर तक
रहते एक वट पर हजार
उछल कूद करते रहते
आते वृक्ष के आर पार
मिलते हैं जंगल में मंगल
जंगल जीवन का आधार
रहे जीव सभी मस्ती में
यह ही प्रकृति का उपहार
रचनाकार :-
देवाराम भॉमू +919571524500
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान
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