सोमवार, 27 सितंबर 2021

जंगल "काव्यश्री" सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की "अभ्युदय पत्रिका" में प्रकाशित काव्य रचना

आज आपके सामने पेश है  साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की अभ्युदय हिन्दी मासिक पत्रिका में जुलाई 2021 में  प्रकाशित काव्य रचना 

 जंगल


जीवन तो फूलों का है 
जंगल के भौरों का है 
शहर के खण्डहरों में तो 
चमगादड़ ही बसते हैं।

है ज्ञान का भण्डार यहाँ 
रहते हैं जंगल में मंगल
 नित होता यज्ञ दान यहाँ 
ऋषि मुनि यहाँ बसते हैं |

डाली पर कोयल बोले
 यहाँ तितलियाँ है मस्ती मे 
बना छतरी मोर नाचे
 तैरते हैं हंस ज्यों कश्ती में।

भौरों की भरमार है
 जंगल जीवन का सार है। 
है प्राणवायु का दाता 
प्राणवायु ही संसार है ।

जीव चींटी से बंदर तक
 रहते एक वट पर हजार
 उछल कूद करते रहते 
आते वृक्ष के आर पार

मिलते हैं जंगल में मंगल 
जंगल जीवन का आधार 
रहे जीव सभी मस्ती में 
यह ही प्रकृति का उपहा



रचनाकार :- 

देवाराम भॉमू                  +919571524500
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान

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बहुमीखी प्रतिभा के धनी, काव्यश्री देवाराम भाॅमू समाज के गौरव

पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक प्रकृति प्रेमी हिमताराम जी भाम्बू, हमारे भाम्बू परिवार व देश के गर्व

 


 6 फ़ीट ऊंचा पालक का पौधा मालीगांव



फाल्गुन मास,होली और धमाल,मोज़ मस्ती कहाँ गए वो दिन?सब कुछ बदल गया

 

भाम्बू गौत्र का इतिहास


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