मंगलवार, 28 सितंबर 2021

आशाओं के दीप काव्यमंजरी में प्रकाशित काव्य रचना देवाराम राम भाम्बू

आज आपके सामने पेश है  साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की काव्यमंजरी  में प्रकाशित काव्य रचना 



आशाओं के दीप

थम गई है दुनिया
फिर तू कहाँ जाता है? 
रुक जाना राही
रुक जा
बाहर कोई हवा है, 
मारने वाली।
बदल गया है मौसम,
आंधी कोई भयानक आई है। 
रुक जा राही रुक जा
बीमारी कोई नई आई है। 
बाहर मौत का तांडव है,
उजड़ गये हैं घर,
उजड़ी है मानवता
लेकर अपने संग मौत
कोई बीमारी आई है।
रुत बदल गई.
मास बदल गये,
अपने भी बदल गये। 
रुक जा चार दीवारी में
बीमारी कोई आई है। 
कुछ दिनों की बात है
फिर आयेगा सावन,
भौरों की गूंज होगी।
कोयल की कूक होगी। 
नई आशाओं की किरणे
फिर धरती पर होंगी।
आशाओं के दीप जला दे
छोड़ नफ़रत की दीवारें 
ऊसर भूमि में,
बीज प्रेम के डाल दे।
ये दिन संकट के,
बीत जायेंगे।
मौसम खुशगवार होगा
कोरोना दुम दबा भागेगा।
हरियाली होगी, 
रिमझिम सावन होगा।
होंगे सपने फिर जीवित,
आशाओं की ओर कदम बढ़ा
निराशा करती निवास श्मशान में,
आशाओं के दीप जला दे,
रुक जा राही रुक जा।





रचनाकार :- 

देवाराम भॉमू       +919571524500
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान

कविता आपको कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताना




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बहुमीखी प्रतिभा के धनी, काव्यश्री देवाराम भाॅमू समाज के गौरव

पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक प्रकृति प्रेमी हिमताराम जी भाम्बू, हमारे भाम्बू परिवार व देश के गर्व

 


 6 फ़ीट ऊंचा पालक का पौधा मालीगांव



फाल्गुन मास,होली और धमाल,मोज़ मस्ती कहाँ गए वो दिन?सब कुछ बदल गया

 

भाम्बू गौत्र का इतिहास


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सोमवार, 20 सितंबर 2021

उम्मीदों का साथ न छोड़ो देवाराम भॉमू की रचना

आज आपके सामने पेश है  साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की काव्यमंजरी में  प्रकाशित काव्य रचना  उम्मीदों का साथ न छोड़ो



उम्मीदों का साथ न छोड़ो


                           उम्मीदों का साथ न छोड़ो

कर्म पथ पर बढ़े चलो

हिम्मत वाले हो तुम तुफानो की दिशाएं मोड़ो

उम्मीदों का साथ न छोड़ो

पतझड़ आता है और चला जाता है

वृक्ष फिर सदा की भांति हरा हो जाता है

हर रात का सवेरा होता है।

चांदनी नहीं होती हर निशा

नहीं लदा रहता पेड़ फूलों से सदा

उठो!मत डूबो निराशा में

मत रहो अंधेरी दुनिया में त्याग दो रे निराशा

तुम हिम्मत वाले

जग के दीपक

उजियारा फैला दो

यह दुख तो झूठा है।

समझो रीति दुनिया की

कष्ट है पग-पग पर

फिर भी मुस्काओं

हर परिस्थिति में, या जुनून लेकर,

उठो और आगे बढ़ो,

क्यों बैठे हो बंद मकान में

इस बार असफल हुआ तो क्या हुआ

अबकी बार तू सफल होगा

पकड़ सिर बैठना काम कायरता का

रख बाहों में शक्ति

रोना और चिंता करना काम नहीं तेरा

रहे है कंटीली कर्म पथ न छोड़ो उम्मीदों का साथ न छोड़ो।

रचनाकार :- 

काव्यश्री देवाराम भॉमू
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान

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बहुमीखी प्रतिभा के धनी, काव्यश्री देवाराम भाॅमू समाज के गौरव

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भाम्बू गौत्र का इतिहास


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तुम संग जुड़े नेह के तार प्रेरणा (साझा काव्य संग्रह) देवाराम राम भॉमू

आज आपके सामने पेश है  साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की                  प्रेरणा (साझा काव्य संग्रह) में  प्रकाशित काव्य रचना  तुम संग जुड़े नेह के तार



तुम संग जुड़े नेह के तार

                                               लिखूँ और गुणगान करूँ 
तुम संग जुड़े नेह के तार। 
हे प्राणदाता, हे सर्वेश्वर 
तुम ही मेरे जीवन आधार । 
चाह नहीं सुख कि, 
न ही धन दौलत की, 
हे भगवन इतनी दया करना, 
अब के जन्म कोई तुलसीदास बना देना ।
 राम नाम रहूँ और गुण गाऊँ,
 तेरे कुंज की चिड़िया बन, 
बार-बार उडू और दर्शन पाऊँ । 
अबके जन्म बनू सीता वन जाऊँ,
 राम नाम का ले सहारा भव सागर तर जाऊँ।
 बन हनुमान राम काज में लीन हो जाऊँ, 
भूल नीज जीवन हो विलय तुझ में खो जाऊँ ।
 बन फूल किसी क्यारी का
 हाथ भक्त के लग जाऊँ, 
तेरे चरणों में अर्पित हो जाऊँ। 
इतनी दया करना करतार, 
तुम संग जुड़े नेह के तार ।।

रचनाकार :- 

देवाराम भॉमू
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान

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बहुमीखी प्रतिभा के धनी, काव्यश्री देवाराम भाॅमू समाज के गौरव

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शनिवार, 11 सितंबर 2021

पद्मश्री पुरस्कार एवं प्रकृति प्रेमी हिमताराम जी भाम्बू,के सम्मान-पत्रों का चित्र संग्रहण





हिमताराम जी के पास 1985 से लेकर अब तक  15000 से ज्यादा अखबारों की कटिंग उपलब्ध हैं अलग अलग प्रोग्राम्स की 25 हजार से ज्यादा फोटो उपलब्ध हैं।







अब मैं आपको उन सभी सम्मान -पत्र, अवार्ड ,पुस्कार जो हिमताराम जी द्वारा पर्यावरण संरक्षण और विभिन्न क्षेत्र में किये गये  उन सभी कार्यों के फोटोग्राफस को एक जगह आपके सामने उपलब्ध करवा रहा हूं। वैसे तो काफी फोटो ( 25 हजार से ज्यादा फोटो) उपलब्ध हैं।  जैसे की हिमताराम जी ने बताया कि उनको अब तक विभिन्न विभागों द्वारा  500 से ज्यादा पुरस्कार/अवार्ड मिल चुके है सारी फोटोज तो दिखाना सम्भव नहीं होगा पर मैनें प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा फोटोग्राफ अैर न्यूज पेपर्स की कटिंग आप तक पहुचाऊ 

लेटेस्ट अपडेट
हिमताराम जी भाम्बू ने अपनी पुत्री और पौत्री की शादी में भव्य समारोह का आयोजन किया तथा वहां पर भी दिया पर्यावरण सरंक्षण का संदेश

विभिन्न कार्यक्रमों की फोटोज










































































































































































































































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