सोमवार, 20 सितंबर 2021

तुम संग जुड़े नेह के तार प्रेरणा (साझा काव्य संग्रह) देवाराम राम भॉमू

आज आपके सामने पेश है  साहित्य रत्न और काव्यश्री सम्मान प्राप्त देवाराम राम भाम्बू की                  प्रेरणा (साझा काव्य संग्रह) में  प्रकाशित काव्य रचना  तुम संग जुड़े नेह के तार



तुम संग जुड़े नेह के तार

                                               लिखूँ और गुणगान करूँ 
तुम संग जुड़े नेह के तार। 
हे प्राणदाता, हे सर्वेश्वर 
तुम ही मेरे जीवन आधार । 
चाह नहीं सुख कि, 
न ही धन दौलत की, 
हे भगवन इतनी दया करना, 
अब के जन्म कोई तुलसीदास बना देना ।
 राम नाम रहूँ और गुण गाऊँ,
 तेरे कुंज की चिड़िया बन, 
बार-बार उडू और दर्शन पाऊँ । 
अबके जन्म बनू सीता वन जाऊँ,
 राम नाम का ले सहारा भव सागर तर जाऊँ।
 बन हनुमान राम काज में लीन हो जाऊँ, 
भूल नीज जीवन हो विलय तुझ में खो जाऊँ ।
 बन फूल किसी क्यारी का
 हाथ भक्त के लग जाऊँ, 
तेरे चरणों में अर्पित हो जाऊँ। 
इतनी दया करना करतार, 
तुम संग जुड़े नेह के तार ।।

रचनाकार :- 

देवाराम भॉमू
जाखली, मकराना
जिला नागौर
राजस्थान

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बहुमीखी प्रतिभा के धनी, काव्यश्री देवाराम भाॅमू समाज के गौरव

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फाल्गुन मास,होली और धमाल,मोज़ मस्ती कहाँ गए वो दिन?सब कुछ बदल गया

 

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